यह खबर वाकई दिलचस्प है और तकनीकी प्रगति का एक नया उदाहरण पेश करती है। केरला के एक 22 वर्षीय युवक ने एक ऐसा AI Machine डिज़ाइन किया है जो उसका Homework उसके ही हैंडराइटिंग में करता है। इस AI Machine में एक ऐप की मदद से छात्र अपने सवाल उपलोड कर सकते है ! जिसके बाद सारा काम AI की मदद से यह Machine खुद ही सवाल के जवाब सेम छात्र की लिखावट में करेगा ।
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देवदत्त का परिचय
देवदत केरला के रहने वाले है जिस की वय 22 वर्षीय है जो डिज़ाइनर इंजीनियरिंग छात्र में पढाई करता है जिसने AI Machine का आविष्कार किया है।
इस AI Machine में क्या है खास
बात करे AI Machine की तो जब से AI आया है तबसे सब काम आसान ही होते जा रहे है जो काम पूरा करने में घंटों लग जाते थे वही काम AI की मदद से कुछ ही मिनटों में हो जाते है।
लेकिन फ़िरभी कुछ काम थे जो सिर्फ इंसान के हाथो ही हो सकतें है ! जेसे Homework करना Notebook लिखना जो सिर्फ इंसान ही कर सकता था। लेकिन अब AI यह काम भी आसानी से कर सकता है।
इस AI Machine की खास बात यह है की यह पहेली AI Machine है जो AI की मदद से यह Machine खुद ही सवाल के जवाब सेम छात्र की लिखावट में लिखता है।
केसे करता है यह AI Machine काम
यह AI Machine एक ऐप की मदद से सवाल को स्कैन करता है उसके बाद छात्र अपने सवाल उपलोड कर सकते है ! जिसके बाद सारा काम AI की मदद से यह Machine खुद ही सवाल के जवाब सेम छात्र की लिखावट में करेगा ।
इस AI Machine की वीडियो को मिल चुके है मिलियन में व्यूज
इस AI Machine का वीडियो Indian tech & infra के ट्विविटर अकाऊंट पर और टाइम्स नाउ नवभारत Youtube चेनल पर पोस्ट किया गया है।
इस वायरल वीडियो में एक नोट बुक पर छात्र के हैंडराइटिंग में कुछ लिखता हुआ दिखाई दे रहा है, पेज के खत्म हो जाने पर यह खुद ही पेज पलटने के बाद फिर दूसरें पेज पर जाकर भी लिखने में काफी सक्षम है।
इस AI Machine से जुड़े कुछ FAQs
AI मशीन की विशेषताएं
सेम हैंडराइटिंग: यह मशीन छात्र की लिखावट को पहचानती है और ठीक उसी तरह लिखता है।
टाइम सेविंग: यह मशीन छात्रों का काफी समय बचा सकती है, खासकर जब बड़े असाइनमेंट्स या नोट्स तैयार करने हों।
इस तकनीक का प्रभाव ?
शिक्षा में सहायक: यह मशीन उन छात्रों के लिए उपयोगी हो सकती है, जो समय की कमी या अन्य कारणों से अपने असाइनमेंट समय पर नहीं लिख पाते।
सृजनात्मकता और नैतिकता पर सवाल: यह तकनीक यह भी सवाल खड़ा करती है कि क्या इससे छात्र मेहनत करने से बचेंगे और सृजनात्मकता में कमी आएगी?
Conclusion
देवदत्त का यह आविष्कार तकनीकी क्षेत्र में मदद रूप बन सकता है। लेकिन इसका जिम्मेदार उपयोग सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है ताकि यह छात्रों के विकास में सहायक बने, न कि बाधा।
अस्वीकरण : हम गारंटी नहीं दे सकते की इस पुष्ठ पर दी गई जानकारी 100% सही है।